करौली का सबसे प्राचीन मंदिर। श्री कल्याण राय जी का मन्दिर करौली
श्री कल्याण राय जी का मन्दिर करौली शहर में रावल महल के सामने लाल नक्काशीदार पत्थरों से बना हुआ है |यह मंदिर भी भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। इसका निर्माण सन् 1348 के आसपास राजा अर्जुन देव जी ने करौली शहर की स्थापना से पहले किया तथा इस मंदिर को करौली की नींव का पत्थर भी कहा जाए तो गलत नही होगा , इसी कारण करौली शहर का नाम पूर्व मै कल्याणपुरी रखा गया था। | श्री मदन मोहन जी से पहले करौली दरवार के कुलदेवता का सम्मान भी इसी मन्दिर को प्राप्त था ।करौली शहरकी जनता आज भी शुभकार्य मै इस मंदिर पर ध्वजा चढाने आते हैं जिसमे (आटा,चावल,दाल,घी,गुड,चीनी और रुपया नारियाल )आता है| एवम मातम कार्य मै भी पत्तल आती है जिसमे आटा,दाल,घी, बूरा,मिठाइयाँ व न्योछावर के रूपये आते हैं इसी मन्दिर मै भगवान विष्णु के द्वार शापित , ग्यारिस माता की मूर्तियाँ भगवान ब्रह्मा,विष्णु एवम महेश के चरणों मै उलटी लटकी हुई हैं। प्रत्येक ग्यारिस को ग्यारिस का ब्रत रखने वाले चावल चढाने आते हैं ।
दर्शनलाभ समय: गर्मियों में सुबह 4.30 बजे से 11.30 बजे तक, शाम 6.00 बजे से रात 8.30 बजे तक एवम सर्दियों में सुबह 5.30 बजे से 12.00 बजे तक, शाम 6.00 बजे से रात 8.30 बजे तकआइये मंदिर की कुछ झलकिया देखते है..