करौली के रियासत कालीन ठिकाने
बाजना सपोटरा तहसील से 5 किलोमीटर दूर स्थित है । यहां पर जंगल , कालीसिल बांध आदि घूमने लायक स्थान है । यहां से कुछ दूर बर्वासन देवी का मंदिर है । कैलादेवी मंदिर यहां से 18 किलोमीटर दूर है ।
सलेदी द्वारिकदास जी के छठे बेटे थे जिनके वंसज सलेदी कहलाये । बाजना सलेदियो का एक मात्र ठिकाना है । |इसमे 5 गांव आते है मतलब 5 गांव की जागीर है । जागीरदार प्रथा खत्म होने से पहले यहां के ठाकुर साहब स्वर्गीय श्री धुजराज सिंह जी जादौन थे जिनके पिताजी का नाम श्री गजराज सिंह जी जादौन था । ठाकुर साहब धुजराज सिंह जी के 2 भाई और थे स्वर्गीय ठाकर साहब श्री नारायण सिंह जी और स्वर्गीय ठाकुर साहब श्री मलखान सिंह जी ।
पहले ये लोग उपर किले में रहते थे फिर उपर पहाड़ पर पर्याप्त सुबिधा नही हो पाने के कारण ये नीचे आ गए और स्वर्गीय ठाकुर साहब श्री धुजराज सिंह जी ने हवेली बनाई थी और सपोटरा तहसील में 2 कोठिया बनवाई ।
आज उनके दो बेटे ठाकुर साहब श्री मान सिंह जी और छोटे भाई ठाकुर साहब श्री मुकुट सिंह जी का परिवार यही रहता है । श्री नारायण सिंह जी एबम श्री मलखान सिंह जी का परिबार भी बाजना में ही रहता है ।
स्वर्गीय ठाकुर साहब नारायण सिंह जी के दो बेटे श्री शेर बहादुर सिंह और श्री नवल सिंह है । और श्री मलखान सिंह जी के बेटे स्वर्गीय श्री सवाई सिंह जी का परिवार भी बाजना में रहता है